Hanuman Chalisa Meaning in Hindi | हनुमान चालीसा का हिंदी में अर्थ
Hanuman chalisa meaning in hindi: Hanuman Chalisa is considered the best among all the mantras and shlokas of Hanuman ji. Hanuman ji is an exclusive devotee of Ram ji. It is believed that Hanuman ji is immortal. Hanuman ji always moves in his subtle form.
हनुमान चालीसा: हनुमान जी के सभी मंत्रों और श्लोकों में से हनुमान चालीसा को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हनुमान जी राम जी के अनन्य भक्त हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी अमर हैं। हनुमान जी सदैव अपने सूक्ष्म रूप में विचरण करते हैं।
Hanuman ji always keeps his blessings on his devotees. His devotees call Hanuman ji by many names. Some of his names are Bajrangbali, Pawanputra, Anjaniputra, Vayuputra etc.
हनुमान जी हमेशा अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। हनुमान जी को उनके भक्त कई नामों से बुलाते हैं। उनके कुछ नाम बजरंगबली, पवनपुत्र, अंजनीपुत्र, वायुपुत्र आदि हैं।
Contents
Introduction to Chalisa: चालीसा का परिचय
Hanuman Chalisa, the musical voice that guided millions of human beings towards spirituality. Have you ever wondered what it is about it that has earned it so much acclaim?
हनुमान चालीसा, वह संगीतमय वाणी है जिसने लाखों मनुष्यों को आध्यात्मिकता की ओर मार्गदर्शन किया। क्या आपने कभी सोचा है कि उसमें ऐसा क्या है, जिसने इसे इतनी प्रशंसा प्राप्त कराई?
Saint Tulsidas and his contribution: संत तुलसीदास और उनका योगदान
Saint Tulsidas was the author of Hanuman Chalisa. Who depicted the glory of Hanumanji through his wonderful poem. When he was writing it, he had only feelings of devotion and faith in his mind.
हनुमान चालीसा के रचयिता संत तुलसीदास थे। जिन्होंने अपनी अद्भुत कविता के माध्यम से हनुमानजी की महिमा का चित्रण किया। जब वे इसे लिख रहे थे, तो उनके मन में केवल भक्ति और आस्था की भावना थी।
Unique feeling in devotion: भक्ति में एक अद्वितीय अहसास
A deep feeling is hidden in every lion, every letter. Have you noticed that when we read the Chalisa, we feel a different kind of happiness?
हर शेर, हर अक्षर में एक गहरी भावना छुपी होती है। क्या आपने ध्यान दिया है कि जब हम चालीसा पढ़ते हैं, तो हमें एक अलग ही सुख की अनुभूति होती है?
Depths of Mantras: मंत्रों की गहराई
हनुमान चालीसा के मंत्र में विशेष शक्तियाँ होती हैं। जब हम उन्हें उच्चारण करते हैं, हम आपस में उस शक्ति से जुड़ जाते हैं।
Strength of faith: आस्था का बल
आस्था और विश्वास से ही जीवन में अद्भुत बदलाव आता है। हनुमान चालीसा हमें उसी आस्था और विश्वास की ओर मार्गदर्शन करता है।
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Hanuman Chalisa Lyrics with Meaning in Hindi: हनुमान चालीसा का सम्पूर्ण अर्थ हिंदी में
Hanuman chalisa in hindi meaning: हनुमान चालीसा का सम्पूर्ण अर्थ है आस्था, विश्वास और सहायता की प्रार्थना। जब हम इसे पढ़ते हैं, हम अपने आप को भगवान के चरणों में समर्पित करते हैं।
|| दोहा ||
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि |
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ||
अर्थ : मेरे मन के दर्पण को श्री गुरु के कमल पादों की धूल से पवित्र बना कर, मैं उस श्री राम की महिमा गाता हूँ, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के चारों फल प्रदान करते हैं।
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार |
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ||
अर्थ : हे पवनपुत्र, मेरी अज्ञान भरी पुकार सुनो, मुझे बल, बुद्धि और ज्ञान की वरदान दो, और मेरे जीवन के विघ्न और पीड़ा को दूर हटाओ।
॥ चौपाई ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर |
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ||
अर्थ : हे हनुमान, ज्ञान और गुणों के अथाह समुद्र, तुम पर अनंत नमन। जो अपनी अद्भुत कीर्ति से तीनों लोकों को रोशनी से भर देते हैं, ऐसे दिव्य कपीश को मेरा नमन।
राम दूत अतुलित बल धामा |
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ||
अर्थ : हे अद्भुत बल वाले राम के दूत हनुमान, तुम्हें अंजनी के लाल और पवन के पुत्र के रूप में संसार पहचानता है।
महाबीर बिक्रम बजरंगी |
कुमति निवार सुमति के संगी ||
अर्थ : हे महावीर हनुमान, जिनके अंग वज्र की तरह अद्भुत हैं, आप अपने भक्तों की भ्रांतियों को दूर कर, उन्हें सजीव ज्ञान की दीपक जलाते हैं।
कंचन बरन बिराज सुबेसा |
कानन कुण्डल कुँचित केसा ||
अर्थ : तुम्हारे स्वर्णिम तन पर सुंदर वस्त्र मंजूलता बिखेर रहे हैं। तुम्हारे कानों में कुंडल नाच रहे हैं और तुम्हारे घुंघराले बाल लहराते हुए चमक रहे हैं।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै |
काँधे मूँज जनेउ साजै ||
अर्थ : आपके हाथों में वज्र की तरह शक्तिशाली गदा और ध्वजा सजी है। आपके कंधों पर मुंज की धारिता और जनेऊ की पवित्रता बिखेरी हुई है।
संकर सुवन केसरी नंदन |
तेज प्रताप महा जग वंदन ||
अर्थ : आप भगवान शंकर के स्वरूप और केसरी के लाल हैं। संसार में आप सबसे अद्वितीय हैं और आपकी उपासना की जा रही है।
बिद्यावान गुनी अति चातुर |
राम काज करिबे को आतुर ||
अर्थ : आप ज्ञान के सागर, गुणों की अद्वितीय धारा हैं। प्रभु श्रीराम की सेवा में आपका अचल संकल्प सदैव विराजता है।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया |
राम लखन सीता मन बसिया ||
अर्थ : आप प्रभु श्रीराम की कथा के प्रति सदैव अक्षुण्ण प्यार रखते हैं। राम, लक्ष्मण और सीता आपके ह्रदय में अनन्त क्षण सजीव बसते हैं।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा |
बिकट रूप धरि लंक जरावा ||
अर्थ : आपने सूक्ष्म रूप धारण करके माँ सीता को अभिवादन किया और विशाल स्वरूप लेकर लंका को अग्नि की झोली में समेट दिया।
भीम रूप धरि असुर सँहारे |
रामचन्द्र के काज सँवारे ||
अर्थ : आपने महाकाय स्वरूप में प्रकट होकर असुरों का विनाश किया और प्रभु श्रीराम का धर्मिक कार्य सम्पन्न किया।
लाय सजीवन लखन जियाये |
श्री रघुबीर हरषि उर लाये ||
अर्थ : आपने संजीवनी बूटी लेकर लक्ष्मण की जीवन की रक्षा की। इस अद्वितीय सेवा से प्रभु श्रीराम ने आपको अपने ह्रदय से लगाया।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई |
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ||
अर्थ : भगवान श्रीराम ने आपकी बहुत प्रसंशा की और कहा कि हे हनुमान तुम मेरे लिए भरत की तरह ही अत्यंत प्रिय हो।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं |
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ||
अर्थ : हजारों मुख वाले शेषनाग भी तुम्हारी महिमा का जिक्र करते हैं, ऐसा कहकर श्रीराम ने आपको स्नेह से अपने गले से लगा लिया।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा |
नारद सारद सहित अहीसा ||
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते |
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ||
अर्थ : हे हनुमान जी, सनकादिक ऋषिगण, ब्रह्मा, और अन्य महर्षियाँ, नारद, सरस्वती और शेषनाग सहित, यमराज, कुबेर और समस्त दिक्पाल भी आपकी महिमा के गीत में विवश होते हैं। तो विद्वान् कवियों की तो बात ही अलग है।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा |
राम मिलाय राज पद दीन्हा ||
अर्थ : हे हनुमान जी, आपने सुग्रीव की दुःखद अवस्था में अनुपम सहायता की, और उन्हें प्रभु श्रीराम से मिलाकर उन्हें राजसिंहासन प्राप्त करवाया।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना |
लंकेस्वर भए सब जग जाना ||
अर्थ : हे हनुमान, आपके मार्गदर्शन पर चलकर विभीषण को लंकेश्वर की उपाधि प्राप्त हुई, और यह गौरव की बात समस्त संसार तक पहुँची है।
जुग सहस्र जोजन पर भानू |
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ||
अर्थ : हे दिव्य हनुमान, जब आप बालक थे, तब आपने हजारों योजन दूर बसे सूर्य को मधुर फल की भाँति अपने मुख में ले लिया था
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं |
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ||
अर्थ : हे हनुमान जी, जब आपने भगवान राम की अंगूठी को स्नेहपूर्वक अपने मुख में संजोया और अथाह समुद्र को पार किया तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं।
दुर्गम काज जगत के जेते |
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||
अर्थ : हे हनुमान जी, संसार के जितने भी कठिनाइयां हैं, वे आपकी दीव्य कृपा से एक पल में सहज हो जाती हैं।
राम दुआरे तुम रखवारे |
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ||
अर्थ : हे हनुमान जी, आप ही भगवान राम के दरबार के स्वर्णिम प्रहरी हैं। आपकी कृपा बिना, उनके महाराज्य में प्रवेश पाना संभव नहीं है।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना |
तुम रच्छक काहू को डर ना ||
अर्थ : हे हनुमान जी, आपकी शरण में जो आता है, उसे सुखों का समुद्र मिल जाता है। और जिस पर आपका आशीर्वाद होता है, उसे संसार में किसी से भी भय नहीं है।
आपन तेज सम्हारो आपै |
तीनों लोक हाँक तें काँपै ||
अर्थ : हे महावीर हनुमान, आपकी महिमा और तेज को सिर्फ आप ही संभाल सकते हैं।आपकी एक गर्जना से ही तीनों लोक कांप उठते हैं।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै |
महाबीर जब नाम सुनावै ||
अर्थ : हे हनुमान, आपके पवित्र नाम की ध्वनि सुनते ही भूत-पिशाच डरकर दूर भाग जाते हैं और सामीप आने का साहस नहीं करते।
नासै रोग हरे सब पीरा |
जपत निरन्तर हनुमत बीरा ||
अर्थ : हे हनुमान जी, आपके पवित्र नाम का स्थिर जपन से सभी दुख-रोग धूल में मिलकर अदृश्य हो जाते हैं।
संकट तें हनुमान छुड़ावै |
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ||
अर्थ : जो कोई भी मन, क्रम और शब्दों में हनुमान जी को अनुरागित होकर स्मरण करता है, वह सभी संकटों के जाल से मुक्त हो जाता है।
सब पर राम तपस्वी राजा |
तिन के काज सकल तुम साजा ||
अर्थ : जो श्रीराम स्वयं दिव्यता की मूरत हैं, उनके सारे दिव्य लीलाओं का संचालन भी आपके हाथों में विराजता है।
और मनोरथ जो कोई लावै |
सोई अमित जीवन फल पावै ||
अर्थ : हे हनुमान जी, आप भक्तों के मन की अदृश्य इच्छाओं को भी पूर्ण करते हैं।
चारों जुग परताप तुम्हारा |
है परसिद्ध जगत उजियारा ||
अर्थ : हे हनुमान जी, आपके नाम की उच्चाई चारों युगों (सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग) में स्वर्णिम पन्नों पर अंकित है।
साधु सन्त के तुम रखवारे |
असुर निकन्दन राम दुलारे ||
अर्थ : हनुमान जी, आप साधु-संतों के रखवाले, असुरों को विनाश में ले जाने वाले, और प्रभु श्रीराम के हृदय में सदैव विराजमान हैं।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता |
अस बर दीन जानकी माता ||
अर्थ : हे हनुमान जी, आप आठ सिद्धियों के स्वामी और नौ निधियों के अनुपम दाता हैं, और इस अद्वितीय वरदान की प्राप्ति आपने जानकी माता की कृपा से पाई है।
राम रसायन तुम्हरे पासा |
सदा रहो रघुपति के दासा ||
अर्थ : हे हनुमान जी, अनादि काल से आप प्रभु श्रीराम के अद्भुत भक्त हैं, और राम नाम का अमृत सजीव आपके हृदय में विराजमान है।
तुम्हरे भजन राम को पावै |
जनम जनम के दुख बिसरावै ||
अर्थ : हे हनुमान जी, आपकी अथाह भक्ति से जन्मों-जन्मों के बंधनों और विध्नों से मुक्ति पाने वाली प्रभु श्रीराम की अनुपम कृपा वर्षित होती है।
अन्त काल रघुबर पुर जाई |
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई ||
अर्थ : अंत के पलों में, मृत्यु पार कर, वह प्रभु के स्वर्गीय द्वार तक पहुँचता है, और पुनर्जन्म लेने पर उसके हृदय में हरि की अद्वितीय भक्ति बस जाती है।
और देवता चित्त न धरई |
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ||
अर्थ : अन्य सभी देवताओं की अराधना की बिना, केवल आपकी कृपा के स्पर्श से ही सभी अमूल्य फल प्राप्त होते हैं।
संकट कटै मिटै सब पीरा |
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ||
अर्थ : जिस आत्मा की धड़कनों में हनुमान जी का स्मरण गूंजता है, उसकी सभी कठिनाइयों और वेदनाओं का अंत हो जाता है।
जय जय जय हनुमान गोसाईं |
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ||
अर्थ : हे हनुमान गोसाईं, आपकी महिमा अद्भुत है। मुझ विनम्र पर गुरुदेव की तरह आप अपनी अनुपम कृपा बरसाएं।
जो सत बार पाठ कर कोई |
छूटहि बन्दि महा सुख होई ||
अर्थ : जो कोई इस हनुमान चालीसा को सौ बार प्रेम और श्रद्धा से उच्चारित करता है, उसके जीवन के सभी अंतर्निहित विघ्न और कष्ट हलके हो जाते हैं, और वह अत्यधिक आनंद और सुख की गहराई में प्रवेश करता है।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा |
होय सिद्धि साखी गौरीसा ||
अर्थ : जो भी इस हनुमान चालीसा के अमृत श्लोकों को उच्चारित करता है, उसको सिद्धि का वरदान निश्चित रूप से प्राप्त होता है, और इस अद्भुत सत्य के प्रत्यक्ष साक्षी स्वयं भोलेनाथ भगवान शिव हैं।
तुलसीदास सदा हरि चेरा |
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ||
अर्थ : हे मंगलमय पवन पुत्र हनुमान जी, मेरे ह्रदय में राम, लक्ष्मण और सीता के संग अपनी मेरे ह्रदय में सदैव वास करें।
|| दोहा ||
पवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूप |
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ||
अर्थ : हे मंगल मूर्ति पवनसुत हनुमान जी, आप मेरे ह्रदय में राम लखन सीता सहित दिव्यता का वास स्थापित कीजिए।
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समाप्ति
हनुमान चालीसा, एक अद्वितीय आध्यात्मिक रचना है जिसे पढ़कर हर व्यक्ति अपनी भक्ति और आस्था को महसूस कर सकता है। जब आप अगली बार चालीसा पढ़ें, तो उसके मंत्रों की गहराई को समझने का प्रयास करें और देखें कि आपको कैसा अहसास होता है।
How did you find the Hanuman Chalisa meaning in Hindi mentioned above, please provide your valuable comment. आपको ऊपर वर्णित हनुमान चालीसा का अर्थ कैसी लगी, कृपया अपनी बहुमूल्य टिप्पणी दें।
FAQs:
- हनुमान चालीसा क्या है?
हनुमान चालीसा एक हिन्दू धार्मिक स्तोत्र है जिसे संत तुलसीदास ने लिखा था। - हनुमान चालीसा का क्या महत्व है?
यह भक्ति, आस्था और संघर्ष की प्रेरणा देता है। - इसे पढ़ने से क्या लाभ होता है?
यह माना जाता है कि इसे नियमित रूप से पढ़ने से मन शांत रहता है और जीवन में सकारात्मकता आती है। - हनुमानजी की कौन-कौन सी विशेषताएं हैं?
हनुमानजी की विशेषताएं हैं उनकी अद्वितीय शक्ति, उनका साहस और उनकी अदितीय भक्ति। - क्या हनुमान चालीसा को रोज पढ़ना चाहिए?
जी हाँ, इसे रोज पढ़ने से मन में शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
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