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Panchmukhi Hanuman Kavach | पंचमुखी हनुमान कवच

Panchmukhi Hanuman Kavach पंचमुख हनुमान कवच, भक्तों के बीच एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पौराणिक रत्न है। यह कवच प्राचीन हिन्दू धर्म में विशेष रूप से पूजे जाने वाले देवता श्री हनुमानजी के समर्पण है। इस कवच का प्रयोग आपके जीवन को सुरक्षित और सुखमय बना सकता है। इस लेख में, हम पंचमुख हनुमान कवच के महत्व, उपयोग, और लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Contents

पंचमुख हनुमान कवच का महत्व (Importance of Panchmukhi Hanuman Kavach)

1. हनुमानजी की कृपा (Blessings of Lord Hanuman)

पंचमुख हनुमान कवच प्रयोग करने से व्यक्ति हनुमानजी की कृपा प्राप्त करता है। यह उसके जीवन को समृद्धि और सुख-शांति से भर देता है।

2. सुरक्षा की भावना (Sense of Protection)

पंचमुख हनुमान कवच धारण करने से व्यक्ति मानसिक और भौतिक सुरक्षा की भावना में महसूस करता है।

3. आत्म-विकास (Spiritual Growth)

इस कवच का प्रयोग आत्मा के विकास में मदद करता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक दिशा में आगे बढ़ने में सहायक होता है।

पंचमुख हनुमान कवच का उपयोग (Usage of Panchmukhi Hanuman Kavach)

4. दिनचर्या में शामिल करें (Incorporate into Daily Routine)

हनुमान कवच का प्रयोग दिनचर्या में शामिल करने से व्यक्ति का दिन शुभ और सुरक्षित रहता है।

5. श्रद्धा और भक्ति (Devotion and Faith)

कवच का प्रयोग करने से व्यक्ति का मन हनुमानजी की ओर प्रवृत्त होता है और वह उनकी श्रद्धा और भक्ति में बढ़ जाता है।

6. प्राणीरक्षण (Protection from Harm)

पंचमुख हनुमान कवच नकारात्मक ऊर्जा से आपको सुरक्षित रखता है और आपको किसी भी प्रकार के खतरों से बचाता है।

Panchmukhi Hanuman Kavach

पंचमुख हनुमान कवच के लाभ (Benefits of Panchmukhi Hanuman Kavach)

7. मानसिक शांति (Mental Peace)

कवच का प्रयोग मानसिक शांति और आत्मा की सांत्वना को बढ़ावा देता है।

8. शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Well-being)

हनुमान कवच से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।

9. संतान सुख (Blessings for Progeny)

कवच का प्रयोग वंश के सुख-संतान को बढ़ावा देता है और संतान सुख में मदद करता है।

कैसे प्रयोग करें (How to Use Panchmukhi Hanuman Kavach)

10. पूजा और ध्यान (Worship and Meditation)

कवच का प्रयोग पूजा और ध्यान के साथ करना चाहिए। इससे मानसिक और आत्मिक विकास होता है।

11. मंत्र जाप (Chanting Mantras)

हनुमान कवच के प्रयोग के साथ मंत्र जाप करने से उसके शक्ति और प्रभाव में वृद्धि होती है।

श्री गणेशाय नम:

ओम अस्य श्री पंचमुख हनुम्त्कवच मंत्रस्य ब्रह्मा रूषि: ।

गायत्री छंद्:


पंचमुख विराट हनुमान देवता| र्‍हीं बीजम् |
श्रीं शक्ति:| क्रौ कीलकम्| क्रूं कवचम् |
क्रै अस्त्राय फ़ट्| इति दिग्बंध्: ।


श्री गरूड उवाच्||


अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि |

श्रुणु सर्वांगसुंदर| यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम् ||१||

पंचकक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम्| बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम् ||२||

पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम्| दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटीकुटिलेक्षणम् ||३||

अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम्| अत्युग्रतेजोवपुष्पंभीषणम भयनाशनम् ||४||

पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्| सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम् ||५||

उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तं नभोपमम्| पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम्| ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम्| येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम् ||७||

जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम्| ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम् ||८||

खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम्| मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं ||९||

भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दशभिर्मुनिपुंगवम्| एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम् ||१०||

प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम्| दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानु लेपनम सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद्विश्वतोमुखम् ||११||

पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्णवक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम्| पीताम्बरादिमुकुटै रूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि ||१२||

मर्कतेशं महोत्राहं सर्वशत्रुहरं परम्| शत्रुं संहर मां रक्ष श्री मन्नपदमुध्दर ||१३||

ओम हरिमर्कट मर्केत मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले| यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता ||१४||

ओम हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा |

ओम नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाया |

ओम नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा |

ओम नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा |

ओम नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा |

||ओम श्री पंचमुख हनुमंताय आंजनेयाय नमो नम: ||

निष्कर्षण (Conclusion)

पंचमुख हनुमान कवच एक प्राचीन और प्रतिष्ठित पौराणिक उपाय है जो हमें श्री हनुमानजी के आशीर्वाद और सुरक्षा प्रदान करता है। इसका प्रयोग विश्वास और भक्ति के साथ करने से हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और सम्पूर्णता आती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. क्या पंचमुख हनुमान कवच को सबको प्रयोग करना चाहिए?

  • हां, पंचमुख हनुमान कवच को सबको उनकी आवश्यकताओं और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयोग करना चाहिए।

2. क्या हनुमान कवच को ध्यान में पहन सकता है?

  • हां, हनुमान कवच को ध्यान में पहन सकते हैं और इसके साथ मंत्र जाप कर सकते हैं।

3. क्या कवच का प्रयोग बच्चों के लिए भी सुरक्षित है?

  • जी हां, कवच का प्रयोग बच्चों के लिए भी सुरक्षित है और उनके आत्मिक विकास में मदद करता है।

4. क्या हनुमान कवच को किसी भी समय पहन सकते हैं?

  • हां, कवच को किसी भी समय पहन सकते हैं, लेकिन पूजा और ध्यान के साथ प्रयोग करना बेहतर होता है।

5. क्या हनुमान कवच का प्रयोग किसी विशेष आदर्श के साथ करना चाहिए?

  • हां, कवच का प्रयोग करते समय व्यक्ति को श्रद्धा और आदरभाव के साथ करना चाहिए।

आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, पंचमुख हनुमान कवच का प्रयोग करें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।

ये भी पढें:

  1. हनुमान चालीसा का हिंदी में अर्थ
  2. श्री दुर्गा चालीसा का हिंदी में अर्थ
  3. श्री शनि चालीसा का हिंदी में अर्थ
  4. श्री गणेश चालीसा 
  5. दुर्गा कवच

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